नेपाल में आए भूकंप पर श्री श्री मृणालिनी माता का विशेष सन्देश

27 अप्रैल 2015

श्री श्री मृणालिनी माता नेपाल की स्थिति पर अत्यंत निकटता से नजर रख रही हैं और हाल के विनाशकारी भूकंपों से प्रभावित सभी लोगों पर भगवान् के प्रेमपूर्ण आशीर्वाद के लिए गहराई से प्रार्थना कर रही हैं। उनका हृदय इन सभी के प्रति संवेदना अनुभव करता है। योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया ऐसी अनेक आध्यात्मिक और मानवीय संस्थाओं के साथ शामिल है जो आपदा क्षेत्र में लोगों के लिए धर्मार्थ राहत सेवाओं में मदद कर रही हैं, और मृणालिनी माताजी सभी को गुरुदेव के आश्रमों में संन्यासियों तथा हमारे वाईएसएस/एसआरएफ़ विश्वव्यापी प्रार्थना मंडल के साथ अपनी प्रार्थनाएँ एकजुट करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। निम्नलिखित पत्र में उन्होंने सांत्वना और बल प्रदायक प्रार्थना की शक्ति, तथा पीड़ित लोगों तक इस तरह पहुंचने के महत्त्व एवं मूल्य के बारे में कुछ विचार साझा किए हैं — विशेष रूप से नेपाल भूकंप जैसी आपदा और त्रासदी के समय।

प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रार्थना की अध्यात्मिक शक्ति पर श्री श्री मृणालिनी माता का पत्र

प्रिय आत्मन्,

हमारे प्रिय गुरुदेव, श्री श्री परमहंस योगानन्द ने हमें आश्वासन दिया है कि हमारा युग बढ़ते आध्यात्मिक प्रकाश का है जो अंधकार को दूर करता है। फिर भी जब हम इस भौतिक जगत् में जीवन के अपरिहार्य उतारों और चढ़ावों का अनुभव करते हैं, और सामूहिक कर्म के प्रतिकूल प्रवाहों में फंसी निर्दोष आत्माओं की पीड़ा को देखते हैं, तो हम प्राय: कितना असुरक्षित अनुभव करते हैं। ऐसे समय में, जब हृदय चीत्कार कर उठता है, “क्यों?” और हमारी मानवीय समझ को कोई पर्याप्त उत्तर नहीं मिलता है, तो हमें इसके सीमित दायरे से परे उस दिव्य अस्तित्त्व की ओर देखने की आवश्यकता होती है जो माया के सभी तूफानों के बीच हमारी सुरक्षा का आश्रय है।

ईश्वर के विचार से ही ब्रह्माण्ड में सब कुछ अस्तित्व में आया है। हम उनके बच्चे हैं, और अपने विचारों एवं कार्यों को उनकी सर्व-सिद्ध करने वाली इच्छा के साथ जोड़कर, हम नश्वर असहायता के भ्रम से मुक्त हो जाते हैं और हमें इस विश्व में अच्छाई के लिए एक ताकत बनने की अपनी क्षमता का एहसास होता है जो हममें से प्रत्येक में विद्यमान है। प्रार्थना जो आत्मा के स्वाभाविक विश्वास, आत्मविश्वास और इस जागरूकता के साथ प्रवाहित होती है कि हमें बिना शर्त प्रेम किया जा रहा है, वह ईश्वर की आरोग्यकारी शक्ति के असीमित भंडार को आकर्षित करती है। जब हम आंतरिक रूप से सच्ची भक्ति की तीव्रता और अपने हृदय की पूर्ण निष्ठा के साथ उनसे बात करते हैं, और अपनी प्रार्थना को एकाग्र विचार की शक्ति से संतृप्त करते हैं, तो यह रचनात्मक दिव्य चेतना में एक वास्तविकता बन जाती है। जिस सहायता की हम कल्पना कर रहे हैं वह ईश्वर की सर्वशक्तिमानता द्वारा प्रबल हो जाती है और हमारे तथा दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिणामों के लिए साकार होने की शक्ति प्राप्त करती है। गुरुदेव ने हमें बताया है, “अधिकांश लोग घटनाओं के क्रम को स्वाभाविक और अपरिहार्य मानते हैं। वे यह बहुत कम जानते हैं कि प्रार्थना के माध्यम से कैसे आमूल परिवर्तन संभव हैं।” प्रार्थना उन सबसे प्रभावी और तत्काल तरीकों में से एक है जिससे हम आवश्यकता के समय अपने वैश्विक परिवार तक पहुंच सकते हैं। उस चेतना में, जब हमें ऐसी परिस्थिति का पता चलता है जो कष्ट का कारण बनती है, तो हमारी पहली प्रतिक्रिया हमेशा प्रार्थना करने की होनी चाहिए — प्रभावित लोगों को ईश्वर के रक्षात्मक प्रेम से घेरने की। ऐसा करते हुए, हम उनके आशीर्वादों को उन तक पहुँचाने वाले मार्ग को उन तरीकों से चौड़ा करते हैं जो धर्मार्थ मानवीय प्रयासों द्वारा लाई गई सहायता में एक उच्च शक्ति का संचार करते हैं; और हम ईश्वर की शांति एवं आश्वासन के लिए स्वयं अपना हृदय खोलते हैं।

ईश्वर के साथ गहरा आंतरिक जुड़ाव संदेह और बेचैनी की स्थिति को शांत करता है और दूसरों के लिए हमारी प्रार्थनाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाता है, साथ ही उस अखंडता को भी बढ़ाता है जिसके साथ हम प्रेम और सच्चाई के उनके नियमों के अनुसार जीने का प्रयास करते हैं। जैसा कि गुरुजी हमें याद दिलाते हैं : “एक आत्मा की अच्छाई लाखों लोगों के सामूहिक कर्म को प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी कर सकती है।” क्योंकि वे यह भी जानते थे कि जब हम अन्य समान विचारधारा वाली आत्माओं से जुड़ते हैं तो हमारी व्यक्तिगत प्रार्थनाओं का प्रभाव कितना अधिक बढ़ जाता है, गुरुदेव ने अपने विश्वव्यापी समाज की सेवा के एक अंग के रूप में विश्वव्यापी प्रार्थना मण्डल की स्थापना की। मैं आपसे ईश्वर के उन सभी बच्चों के लिए जिन्हें इसकी विशेष आवश्यकता है, ईश्वर के आशीर्वाद प्राप्त करने के इस संयुक्त प्रयास में अपनी दैनिक प्रार्थनाओं के माध्यम से भाग लेने का आग्रह करती हूँ, जैसा कि उनके आश्रमों में हम सभी प्रतिदिन करते हैं। ऐसी प्रार्थना से, प्रत्येक सकारात्मक विचार और कार्य से, यह जान लें कि आप इस विश्व में ईश्वर के प्रकाश और प्रेम को तीव्र करने में सहायता कर रहे हैं, जो कि सर्वोच्च उपचारकर्ता और सभी के सहायक हैं ।

ईश्वर और गुरुदेव के आशीर्वाद सदा आप पर बने रहें,

श्री श्री मृणालिनी माता

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