गुरु पूर्णिमा अपील — 2023

July 01, 2023

गुरु-शिष्य के बीच का सम्बन्ध मित्रता में प्रेम की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति है; यह नि:शर्त दिव्य मित्रता है, जिसमें दोनों का एक ही साझा लक्ष्य होता है : अन्य किसी भी वस्तु से बढ़कर ईश्वर से प्रेम करने की इच्छा।

— श्री श्री परमहंस योगानन्द

प्रिय दिव्य आत्मन्,

गुरु पूर्णिमा, जो इस वर्ष 3 जुलाई को मनायी जाएगी, के शुभ अवसर पर आपका अभिनन्दन। हम अत्यन्त आनन्द के साथ आपको अपने प्रिय गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्द और पवित्र योगदा गुरु परम्परा — जिनके दिव्य आशीर्वाद निरन्तर हमारे जीवन का उत्थान करते हैं — के प्रति अपना प्रेम एवं भक्ति प्रकट करने के लिए आमन्त्रित करते हैं। भारत की प्राचीन परम्परा का अनुसरण करते हुए, इस पवित्र दिवस पर शिष्य अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा एवं कृतज्ञता अर्पित करने के लिए एकत्र होते हैं।

सम्पूर्ण भारत में आध्यात्मिक साधक निरन्तर श्री श्री परमहंस योगानन्द की “आदर्श-जीवन” शिक्षाओं की खोज कर रहे हैं और उन्हें अपना रहे हैं, तथा हम योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस) में इन आत्माओं का हार्दिक स्वागत करते हैं, और गुरुदेव द्वारा प्रदान किए गए आध्यात्मिक सिद्धान्तों को सीखने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं, ताकि वे इस तीव्र-गतिमान आधुनिक संसार में संतुलित जीवन जी सकें। वाईएसएस विभिन्न कार्यों के माध्यम से नए साधकों और दीर्घकालीन भक्तों दोनों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं :

  • अनेक भारतीय भाषाओं और प्रारूपों में वाईएसएस पाठमाला और अन्य पुस्तकें उपलब्ध कराना।
  • सभी वाईएसएस आश्रमों में दैनिक सामूहिक ध्यान कार्यक्रमों और रविवारीय सत्संगों का आयोजन करना।
  • संन्यासियों के दौरे, रिट्रीट, और साधना संगम आयोजित करना।
  • सार्वजनिक सत्संग, अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस जैसे अवसरों पर ओपन हाउस सत्र, और कार्यशालाओं इत्यादि आउटरीच गतिविधियों का आयोजन करना।
  • विभिन्न भारतीय भाषाओं में ऑनलाइन ध्यान कार्यक्रमों और सत्संगों का आयोजन करना।
  • हमारे वाईएसएस आश्रमों, केन्द्रों और मण्डलियों में उपलब्ध सुविधाओं में सुधार करना।

कुछ प्रशंसापत्र :

“मैंने हाल ही में वाईएसएस मार्ग का अनुसरण करना प्रारम्भ किया है, और मुझे प्रदान किए गए सबसे बहुमूल्य उपहार — योगदा सत्संग पाठमाला — के लिए मैं अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूँ। जब से मुझे ये पाठ प्राप्त हुए हैं, और मैंने ध्यान प्रविधियों का अभ्यास करना प्रारम्भ किया है, एक गहन प्रशान्ति की भावना ने मुझे आप्लावित कर लिया है। मैं स्पष्ट रूप से यह जान गया हूँ कि इन पाठों में केवल शब्द ही नहीं हैं; उनके अन्दर दिव्यता का सार और प्रबुद्ध गुरुओं का ज्ञान समाया हुआ है, जिसमें प्रतिध्वनित होते शक्तिशाली स्पन्दन मेरी आत्मा को स्पर्श करते हैं।”

—बी.एन., झारखण्ड

“यद्यपि मैं किसी भी वाईएसएस आश्रम अथवा ध्यान केन्द्र से बहुत दूर रहता हूँ, फिर भी मेरे मन में सदा यह इच्छा रही है कि मैं वाईएसएस संन्यासियों तथा अन्य भक्तों के साथ सामूहिक ध्यान कार्यक्रमों में भाग लूँ, और उनके आध्यात्मिक सत्संगों को सुनूँ। ऑनलाइन ध्यान केन्द्र ने मेरी इन आकांक्षाओं की पूर्ति कर दी है। धन्यवाद!”

—पी.के., तमिलनाडु

गुरुजी के कार्य में निरन्तर वृद्धि हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप आनन्ददायक चुनौतियों के साथ-साथ सेवा के अनेक अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। कई भक्त प्रायः यह पूछते हैं कि वे किस प्रकार वाईएसएस की गतिविधियों में अपना योगदान कर सकते हैं। गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, हम आपको गुरुदेव की रूपान्तरकारी “आदर्श-जीवन” शिक्षाओं के प्रसार में अपना योगदान देने के लिए आमन्त्रित करते हैं। यदि आप अपना योगदान करना चाहते हैं, तो कृपया वाईएसएस दान वेबपेज (donation webpage) पर उपलब्ध विकल्पों में से “गुरु पूर्णिमा दान (Guru Purnima Donation)” को चुनें। सच्चे मार्ग की अधीरतापूर्वक खोज करने वालों के मध्य परमहंसजी के क्रियायोग सन्देश के प्रसार में आपके अमूल्य सहयोग की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।

हम आपके योगदान के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिनमें न केवल आपकी आर्थिक सहायता, अपितु आध्यात्मिक एवं भौतिक जीवन के मध्य सन्तुलन स्थापित करने के लिए आपके द्वारा गुरुजी की शिक्षाओं का अनुसरण करना भी सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त, विश्व में शान्ति एवं सद्भावना को बढ़ाने के आपके विचार और प्रार्थनाएँ भी अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं। आइए हम एक साथ मिलकर सकारात्मक परिवर्तन का निर्माण करने और गुरुदेव के ज्ञान के प्रकाश को साझा करने का कार्य जारी रखें।

इस शुभ अवसर का समारोह मनाने की तैयारी करते हुए, आइए हम परमहंसजी के इन वचनों को याद करें, “सभी मनुष्यों में, एक गुरु महानतम् दाता होता है। स्वयं प्रभु की भाँति, गुरु की उदारता की कोई सीमा नहीं होती।”

गुरुजी के आश्रमों और ध्यान केन्द्रों में सेवा करने वाले हम सब आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए की जाने वाली अपनी दैनिक प्रार्थनाओं में आपको अत्यन्त निकट अनुभव करते हैं। आपकी दिव्य मैत्री हमारे लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है और हम आपके प्रति कृतज्ञता का अनुभव करते हैं कि आपने हमें अपनी आध्यात्मिक सेवा करने का अवसर प्रदान किया।

हम सब ईश्वर एवं महान् गुरु परम्परा की निरन्तर सुरक्षात्मक उपस्थिति का अनुभव करें!

दिव्य मैत्री में,

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया

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