आप अपने भीतर और हर जगह शांति कैसे स्थापित कर सकते हैं — परमहंस योगानन्दजी द्वारा

06 सितम्बर, 2022

परमहंस योगानन्द-लास्ट-स्माइल

परमहंस योगानन्दजी के प्रवचन एवं आलेख से...

दृढ़ निश्चय करें कि आप संसार से भी अपने स्वयं के राष्ट्र की भाँति प्रेम करेंगे, और आप अपने राष्ट्र को अपने परिवार की भाँति प्रेम करेंगे। इस समझ के माध्यम से, आप बुद्धिमत्ता की अविनाशी नींव पर एक वैश्विक परिवार स्थापित करने में सहायता करेंगे।

वे वास्तविक शांतिदूत हैं जो दैनिक ध्यान के अपने भक्तिपूर्ण अभ्यास से शांति उत्पन्न करते हैं।

नियमित रूप से ध्यान और ईश्वर-समागम का अभ्यास करें, और आप हर समय आनन्द और माधुर्य की मदिरा का रसास्वादन करेंगे, चाहे आपकी बाहरी परिस्थितियाँ कुछ भी हों। अपने मौन अनुभव के दिव्य हाथों से आंतरिक शांति का अमृत पीकर, आप अपने दैनिक जीवन की व्याकुलताओं और दु:खों को विसर्जित कर देंगे।

जब आपको एक बार आन्तरिक शांति मिल जाती है, तो यह आपके आसपास और विश्व पर एक आशीर्वाद के रूप में प्रवाहित होती है। भीतर सद्भाव, बाहर सद्भाव, सर्वत्र सद्भाव! जो व्यक्ति ईश्वर की शांति से ओत-प्रोत है, वह सभी के प्रति सद्भावना के अलावा और कुछ भी अनुभव नहीं कर सकता है। केवल इस प्रकार की चेतना ही पृथ्वी पर स्थायी शांति ला सकती है।

हम आपको स्वामी भूमानन्द गिरि द्वारा संचालित “परमहंस योगानन्दजी की ‘पृथ्वी पर शांति के लिए प्रार्थना’ पर निर्देशित ध्यान” में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस ध्यान में परमहंस योगानन्दजी की प्रार्थना में से शक्तिशाली विचारों के मानस दर्शन और प्रतिज्ञापन सम्मिलित हैं। अपने भीतर शांति स्थापित करने के बाद, आप अपनी शांति और प्रेम से “संसार के सभी नेताओं और नागरिकों के हृदयों में प्रवेश करके” आज और हर दिन विश्व पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

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