2023 गुरु पूर्णिमा के लिए श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि का सन्देश

June 24, 2023

“जब आप गुरु-शिष्य सम्बंध के सिद्धांतों का दृढ़तापूर्वक पालन करते हैं, तो आध्यात्मिक मार्ग अत्यंत सरल हो जाता है। तब आप मार्ग से भटक नहीं सकते हैं। माया आपको मार्ग से भटकाने का कितना भी प्रयत्न करे, ईश्वरानुभूति प्राप्त गुरु आपकी समस्याओं को जानते हैं और आपकी सहायता करते हैं ताकि आप पुनः दृढ़तापूर्वक मार्ग का अनुसरण कर सकें। यदि आप अपने गुरु के साथ समस्वर हैं तो वे आपके लिए ऐसा करेंगे। आप और आपके गुरु एक दूसरे से हज़ारों मील भी दूर क्यों न हों, उनकी सहायता आप तक अवश्य पहुँच जाएगी। यद्यपि मेरे गुरुदेव अब इस पार्थिव जगत् में सशरीर विद्यमान नहीं हैं, फिर भी मैं सदा अपने पास उनकी उपस्थिति का अनुभव करता हूँ। अपने गुरु के मार्गदर्शन और उनकी कृपा का निरन्तर अनुभव करना आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का सरलतम उपाय है।”

— श्री श्री परमहंस योगानन्द

प्रियजनों,

इस संसार में कोई व्यक्ति ईश्वर से जो सबसे बहुमूल्य उपहार प्राप्त कर सकता है, वह है एक ईश्वर-साक्षात्कार प्राप्त गुरु की शरण प्राप्त करना। ऐसे गुरु अशर्त प्रेम एवं मैत्री की एक अभिव्यक्ति होते हैं और उनका एकमात्र उद्देश्य होता है अपने प्रत्येक शिष्य में सुषुप्त ईश्वर को जाग्रत करना। वाईएसएस/एसआरएफ़ में हम सब अपने परमप्रिय सद्गुरु, श्री श्री परमहंस योगानन्द के रूप में एक ऐसे ही गुरु की ओर आकर्षित हुए हैं। सम्पूर्ण भारत में मनाए जाने वाले इस पवित्र दिवस के अवसर पर, आइए हम सब एक साथ मिलकर उन महान् गुरुदेव के प्रति कृतज्ञतापूर्वक अपने हृदय के प्रेम और भक्ति को समर्पित करें, जिन्होंने आत्माओं को मुक्ति प्रदान करने वाली अपनी शिक्षाएँ हमें प्रदान की हैं, और जिनका सम्पूर्ण जीवन सबकी आत्माओं में ईश्वर के प्रति प्रेम को जाग्रत करने के लिए समर्पित था।

परमहंसजी ने कहा था कि उन्हें तब तक सच्चे सुख और ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई थी जब तक वे अपने गुरु, स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी, से नहीं मिले थे, जो अपने शुद्ध एवं त्रुटिहीन ज्ञान के माध्यम से ईश्वर तक पुनः वापस लौटने के लिए उन्हें अपना मार्गदर्शन प्रदान कर सकते थे। यदि आप आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ते हुए हमारे अपने दिव्य गुरुदेव द्वारा हमारे लिए निर्धारित पवित्र साधना का निष्ठापूर्वक अभ्यास करते हैं, तो आप निश्चय ही अपने जीवन में परमहंसजी की मार्गदर्शक सुरक्षा और प्रेमपूर्ण उपस्थिति को और अधिक गहराई से अनुभव करेंगे। उनके प्रेरणादायक ज्ञान और प्रेम के साथ समस्वरता स्थापित करने से हमारा जीवन रूपांतरित होता है।

मैं यह प्रार्थना करता हूँ कि प्रतिदिन गहन ध्यान में डुबकी लगाते हुए आप यह प्रत्यक्ष अनुभव करें कि ईश्वर और गुरुदेव सदा आपके निकट हैं, आपका मार्गदर्शन कर रहे हैं, प्रेम कर रहे हैं, और आपका उत्थान कर रहे हैं।

दिव्य प्रेम और आशीर्वादों के साथ,

स्वामी चिदानन्द गिरि

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