आपके प्रेम और समर्थन के लिए हमारा हार्दिक धन्यवाद

22 मार्च, 2021

“मैं जानता हूँ कि यदि मेरे पास कुछ भी नहीं होता, तब भी मैंने आप सबमें ऐसे मित्र पाए हैं जो मेरे लिए सब कुछ कर सकते हैं। और आप सब जानते हो कि मुझमें आपको एक ऐसा मित्र मिला है जो सब तरह से आपकी सहायता करेगा। हम एक दूसरे में ईश्वर को ही देख रहे हैं। यही सबसे सुन्दर सम्बन्ध है।”

— परमहंस योगानन्द

प्रिय दिव्य आत्मन्,

गुरुजी के आश्रमों के संन्यासियों और सेवकों की ओर से प्रणाम और प्रेमपूर्ण नमस्कार! हम यह आशा और प्रार्थना करते हैं कि आप और आपके प्रियजन कुशल हैं — शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से।

विगत वर्ष चुनौतिपूर्ण था और हमारे वैश्विक आध्यात्मिक परिवार के कई सदस्यों के जीवन इससे प्रभावित हुए हैं। और फिर भी, कई मोर्चों पर भारी चुनौतियों के बावजूद, इसके आध्यात्मिक प्रतिफल विशाल और प्रेरक थे। इनमें सबसे मुख्य रूप से यही अनुभूति रही कि केवल ईश्वर और गुरु के साथ हमारे आन्तरिक तादात्म्य के माध्यम से ही शाश्वत शांति और रोग-निवारण को प्राप्त किया जा सकता है। इसने हमें भीतर मुड़ना, अपनी इच्छा-शक्ति को पुनः — ऊर्जित करना, और गुरुदेव की उदात्त शिक्षाओं में अपने आपको डुबोकर एवं हमारे महान् गुरुओं के प्रकाश, प्रेम और उनकी सुरक्षा में आश्रित होकर, नकारात्मक प्रभावों पर विजय पाना सिखाया है।

इस वर्ष ने, अपना समय, अपनी प्रार्थनाएँ, अपनी मंगल-कामना और भौतिक सहायता देने के लिए आगे आईं आप जैसी दयालु आत्माओं द्वारा व्यक्त की गई मानवता, करुणा, और एकता ने हमें एक विराट आशा के दर्शन कराए। इस कठिन समय में आपके द्वारा निस्वार्थ रूप से प्रदत्त उदार सहायता के लिए हम आपके बहुत आभारी हैं। आपकी सहायता और दिव्य मित्रता हमारे लिए अमूल्य है और हम उसका आदर करते हैं।

गुरुजी की कृपा, और आपके उदार सहयोग और निष्ठा के कारण, हम विगत वर्ष में अपने गुरुभाइयों और गुरुबहनों की सेवा करने और लोकोपकारी सेवा प्रदान करने के लिए कई उपक्रमों का बीड़ा उठाकर उन्हें सफलतापूर्वक पूरा कर पाए। आश्रम में कम हुई गतिविधियों के कारण जो समय हमें मिला, उसका उपयोग हमने दीर्घ समय से लंबित कुछ परियोजनाओं को पूरा करने के साथ-साथ अपने भक्तजनों को लाभ पहुँचाने वाली नई सेवा गतिविधियों को प्रारंभ करने में किया।

पाठमाला का नया संस्करण

  • मूल पाठमाला पूरा करने वालों के लिए अंग्रेज़ी में पूरक पाठों (Supplement Lessons) को सफलतापूर्वक जारी करने में हम सक्षम हो पाए।
  • हम हिन्दी, तेलुगु, तमिल और बंगाली में नई मूल पाठमाला के पाठों के अनुवाद को पूरा करने के लिए देशभर के भक्त-अनुवादकों की टीमों के साथ काम कर रहे हैं।

गुरुदेव की शिक्षाओं का डिजिटल साधनों के जरिए प्रसार

कई भक्तों ने हमें अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त करते हुए लिखा है कि वाईएसएस ऑनलाइन ध्यान केन्द्र (या एसआरएफ़ ऑनलाइन ध्यान केन्द्र ) — सामूहिक ध्यान और अन्य कार्यक्रमों के लिए एक ऑनलाइन मंच — तब उपलब्ध हुआ, जब उन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी। भक्तों में से एक ने हमें यह लिखा, “भक्त मन्दिर तक जाने में सक्षम नहीं है, तो मन्दिर भक्त के घर पर आ गया!”
  • हिन्दी में आज तक का सबसे पहला ऑनलाइन साधना संगम हाल ही में वाईएसएस ऑनलाइन ध्यान केन्द्र के द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इसके अलावा, आने वाले सप्ताहों और महीनों में अन्य भारतीय भाषाओं में संगम होने वाले हैं। हम आशा करते हैं कि आपने भी इन ऑनलाइन प्रस्तुतियों में भाग लिया और इनसे लाभान्वित हुए हैं : दिनभर के रिट्रीट, साप्ताहिक ध्यान और स्मृतिदिवसों पर विशेष ध्यान, साधना संगम आदि।

सेवा गतिविधियाँ

  • दया-भाव घर से शुरू होता है:
    • विभिन्न वाईएसएस आश्रमों और ध्यान केन्द्रों में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी ऐसे निचले आर्थिक स्तर के हैं, जहाँ आय की हानि के कारण ज़बरदस्त कठिनाई हो सकती है। आपके योगदान के कारण हम अपने कर्मचारियों को नौकरी पर बनाए रख सके, और उन्हें निर्बाध रूप से समय पर वेतन का भुगतान करते रह सके।
  • देश भर में धर्मार्थ गतिविधियाँ :
    • आपके योगदान ने हमें अपने आश्रमों के आसपास ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के कई शहरों में धर्मार्थ गतिविधियों को करने में सक्षम बनाया। लॉक-डाउन की अवधि के दौरान, वाईएसएस आश्रमों और ध्यान केन्द्रों के स्वयंसेवक, राशन और स्वास्थ्य रक्षा-सम्बन्धी चीज़ों जैसी आवश्यक वस्तुओं के साथ, अपनी आजीविका के साधन खो चुके निर्धन और दैनिक मज़दूरी कमाने वालों की आपूर्ति के लिए, उन तक पहुँचे।
    • प्राकृतिक आपदाओं से राहत देने के प्रयासों में, वाईएसएस ने असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में बाढ़ और चक्रवात राहत कार्य में अपना योगदान दिया। प्रिय गुरुदेव के जन्मोत्सव के दौरान, हम निर्धनों और ज़रूरतमंदों को कंबल वितरित करके, तथा वृद्धालयों, अनाथालयों, कुष्ठ-रोग की बस्तियों में भोजन और राशन की आपूर्ति पहुँचाकर, सेवा कर सके।
द्वारहट आश्रम के पास गवनद, ताली गवनद और मदिगर गांवों में कंबल वितरण
राँची में एक अनाथालय को उपहार वितरण
वाईएसएस द्वारा दक्षिणेश्वर और अरियाडा क्षेत्र में गरीब लोगों के बीच 400 कंबलों का वितरण

वाईएसएस के आश्रमों और ध्यान केन्द्रों का रखरखाव

आपके अटूट समर्थन ने हमें निर्बाध रूप से वाईएसएस आश्रमों को बनाए रखने और चलाने में सक्षम बनाया, ताकि परिस्थितियों के अनुकूल होने पर जब आप आएँ तब ये आपके स्वागत के लिए तैयार हों।

हम राँची आश्रम में सेवा देने वाले सेवकों के लिए अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने की परियोजना पर भी काम करने में सक्षम हुए, और राँची के गुरुसेवाधाम भवन की तीन डॉर्मिटरियों को 27 सुसज्जित एकल कमरों में बदलने में सक्षम हुए।

आपके समर्थन की हम गहरी सराहना करते हैं

आपके उदार वित्तीय अनुदान के लिए हम आपको धन्यवाद देना चाहते हैं। आप आश्वस्त रहें कि गुरुदेव के मिशन को आगे बढ़ाने, उनकी शिक्षाओं को प्रकाशित करने, आध्यात्मिक कार्यक्रमों का संचालन करने, आश्रमों को चलाने, और धर्मार्थ कार्यों को करने में आपके अनुदान का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाएगा। यदि आप सक्षम हैं, और हमारे गुरुदेव की मुक्ति-दायिनी और आत्मा को आश्वासन देने वाली शिक्षाओं को फैलाने के इस पवित्र मिशन में आगे भी योगदान करने की इच्छा रखते हैं, तो कृपया इस वित्तीय वर्ष के अंत में दान करने पर विचार करें जो आने वाले महीनों के लिए योजना बनाते समय हमारे लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा। यदि यह आपके लिए अधिक सुविधाजनक हो, तो कृपया मासिक आवर्ती दान (monthly recurring donations) के लिए बनाई गई इस नई सुविधा पर विचार करें जो वाईएसएस वेबसाइट पर उपलब्ध है : http://donateyss.org/

जब आप अपने भक्तिपूर्ण अर्पणों के माध्यम से गुरुदेव के दिव्य कार्य की सहायता करते हैं, चाहे वह प्रार्थना के माध्यम से हो, या वित्तीय सहायता के माध्यम से, या आध्यात्मिक अनुशासन के अभ्यास के रूप में, तो यह जान लें कि जो आप देते हैं वह अनिवार्य रूप से कई गुना होकर लौटेगा और आपके जीवन में एक आशीर्वाद के रूप में प्रकट होगा।

हमारी प्रार्थना है कि आप हमेशा महान् गुरुओं की कृपा और सर्वव्यापी आशीर्वादों से घिरे रहें। इस मार्ग पर आपका उत्साह अक्षुण्ण बना रहे, और आप आत्मा को जगाने वाले क्रियायोग विज्ञान के माध्यम से उस दिव्य प्रेम को प्राप्त करें जिसकी आपको तलाश है।

दिव्य मित्रता में,

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया

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