स्वामी चिदानन्द गिरि का गुरु पूर्णिमा 2021 पर संदेश

17 जुलाई, 2021

"ओ अविनाशी शिक्षक, मैं आपको मूक ईश्वर की मुखर वाणी के रूप में नमन करता हूँ। मैं आपको मोक्ष के मन्दिर तक जाने वाले दिव्य द्वार के रूप में नमन करता हूँ।"

—श्री श्री परमहंस योगानन्द

प्रियजनों,,

गुरु पूर्णिमा के इस विशेष दिवस पर मैं आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भेजता हूँ।

आओ आज हम सभी ईश्वर-प्रदीप्त शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करें, जिन्होंने अतीत और वर्तमान में, सदियों से आध्यात्मिक प्राचीर बन कर भारत को गौरवान्वित किया है।

आओ हम अपनी गहनतम कृतज्ञता और प्रेम भरे प्रणाम, अपने परम प्रिय गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्द के चरणों में अर्पित करें, जिस दिव्य गुरु एवं मार्गदर्शक को ईश्वर ने स्वयं हमारे मोक्ष के लिए भेजा।

उनकी उपस्थिति के प्रभामंडल को अनुभव करो। अपने हृदय को उनके अपरिमित प्रेम और आशीर्वाद के लिए खोल दो – आनंद की उस उच्चतर चेतना के लिए जो सभी परीक्षाओं को पार कर हमें अपने परम लक्ष्य के और निकट पहुँचाती है : हमारे ईश्वर एक्य, शाश्वत आत्म-साक्षात्कार तक।

आप सदैव अपने जीवन पर, गुरुदेव के रूपांतरकारी स्पर्श व कृपा का अनुभव करें।

दिव्य प्रेम और आशीर्वाद सहित,

स्वामी चिदानन्द गिरि

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