श्री श्री लाहिड़ी महाशय महासमाधि दिवस

विशेष ऑनलाइन ध्यान

मंगलवार, 26 सितम्बर 2023

सुबह 6:30 बजे

– सुबह 8:00 बजे

(भारतीय समयानुसार)

कार्यक्रम के विवरण

श्री श्री लाहिड़ी महाशय को योगावतार, “योग के अवतार” के रूप में सम्मानित किया जाता है। योगी कथामृत में, परमहंस योगानन्दजी ने महान् गुरु के दिवंगत पोते, श्री आनंद मोहन लाहिड़ी के इन शब्दों को साझा किया है : “गुरु के रूप में उनकी अपूर्व विशिष्टता यह है कि उन्होंने एक निश्चित प्रणाली — क्रियायोग — पर व्यवहारिक जोर देते हुए प्रथम बार सभी मनुष्यों के लिये योग साधना का द्वार खोल दिया। उनके अपने जीवन के असंख्य चमत्कारों के अतिरिक्त, योग मार्ग की प्राचीन जटिलताओं को सर्वसामान्य लोगों की समझ में आसानी से आने लायक प्रभावशाली सरल रूप देकर योगावतार ने सब प्रकार के चमत्कारों की पराकाष्ठा कर दी।”

श्री श्री लाहिड़ी महाशय के सम्मान में उनके महासमाधि दिवस पर मंगलवार, 26 सितम्बर को वाईएसएस संन्यासी द्वारा एक विशेष ऑनलाइन ध्यान संचालित किया गया। महासमाधि एक महान् योगी का आत्मा के साथ एकात्म की स्थिति में सचेत रूप में शरीर का त्याग करना है।

ध्यान सत्र की शुरुआत प्रारंभिक प्रार्थना के साथ हुई जिसके उपरान्त प्रेरक पठन तथा चैंटिंग एवं ध्यान की अवधि शामिल थे । इसका समापन परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि और समापन प्रार्थना से हुआ।

इस ऑनलाइन कार्यक्रम के अतिरिक्त, इस अवसर पर हमारे आश्रमों, केन्द्रों और मंडलियों में विभिन्न व्यक्तिगत विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

यदि आप इस अवसर पर कोई पारंपरिक प्रणामी अर्पित करना चाहें, तो कृपया नीचे दिए गए हमारी वेबसाइट लिंक पर जाएँ। हम आपको गहराई से धन्यवाद देते हैं और आपकी प्रणामी को श्री श्री लाहिड़ी महाशय की विशेष कृपा और आशीर्वाद के प्रति आपकी कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में स्वीकार करते हैं।

नवागंतुक

परमहंस योगानन्दजी और उनकी शिक्षाओं के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर जाएँ :

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