वाईएसएस/एसआरएफ़ के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख श्री श्री स्वामी चिदानन्दजी का भारत दौरा — 2023

7 अप्रैल, 2023

हमें आपको यह सूचित करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि वाईएसएस/एसआरएफ़ के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि भारत पहुंच गए हैं और भारत की अपनी महीने भर की यात्रा शुरू करने के लिए 22 जनवरी को नोएडा आश्रम पहुंचे। एसआएफ़ से स्वामी कमलानन्द जी उनके साथ आए ।

हैदराबाद में ठहरते हुए, स्वामी चिदानन्दजी ने पाँच दिन के विशेष ध्यान व सत्संग कार्यक्रम का निर्देशन किया, वाईएसएस संगम 2023 जो 12 से 16 फरवरी तक लाइव-स्ट्रीम किया गया था, और ये कार्यक्रम अभी भी देखने के लिए उपलब्ध हैं।

भारत के विभिन्न भागों में स्वामीजी की यात्रा की तस्वीरें यहाँ साझा करते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है।

श्रीरामपुर में तीर्थ स्थली

हैदराबाद में स्वामी चिदानन्द जी ने श्रीरामपुर में दो तीर्थ स्थलों को विकसित करने की उल्लास के साथ घोषणा की, जिनका सम्बंध परमहंस योगानन्दजी के गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी से है ।

इनमें से प्रथम स्थली का सम्बंध उस बरगद के वृक्ष से है, जोकि स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के श्रीरामपुर आश्रम से कुछ दूरी पर गंगा के तट पर स्थित है । इसी वृक्ष के नीचे 1894 में उन्हें महावतार बाबाजी के दर्शन हुए (जैसा कि योगी कथामृत में में वर्णित है) ।

वाईएसएस ने श्रीरामपुर नगर पालिका से एक अनुबंध पर समझौता किया है, जिसमें इस पवित्र बरगद वृक्ष से नदी के तट तक के क्षेत्र के रख-रखाव की मंज़ूरी ली गयी है । वाईएसएस ने बरगद वृक्ष के पास वाली दो इमारतें भी अर्जित की हैं । वाईएसएस की योजना है कि कुछ समय में इस जगह को एक उपयुक्त ध्यान स्थली के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि वहाँ भक्तों को बाबाजी के दिव्य स्पंदन का अनुभव हो सके ।

दूसरे स्थल का सम्बंध स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के श्रीरामपुर स्थित मुख्य आश्रम से है, जहाँ परमहंसजी ने आध्यात्मिक प्रशिक्षण ग्रहण किया। जिसका उल्लेख उन्होनें “मेरे गुरुदेव के आश्रम में बीते वर्ष” योगी कथामृत में किया है ।

कई वर्षों से योगोदा सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया ने इस आश्रम के एक भाग में (ऊपर दिखाए गए) एक स्मृति मन्दिर को संजोए रखा । 1977 में वाईएसएस की हीरक जयंती उत्सव के दौरान, यह मन्दिर श्री मृणालिनी माताजी द्वारा श्रीयुक्तेश्वरजी की स्मृति में समर्पित किया गया था ।

वाईएसएस को अब सम्पूर्ण आश्रम संपत्ति पर अधिकार मिल गया है । समय के साथ मूल आश्रम की इमारत का पुन: उद्धार करने की योजना है, ताकि साधकों के लिए उन महान् गुरुओं के दिव्य स्पंदन से परिपूर्ण एक तीर्थ स्थल विकसित किया जा सके ।

श्रीरामपुर की इन दो पवित्र तीर्थ स्थलियों के विषय में विस्तृत योजना की जानकारी हम आपको जल्द ही देंगे ।

वाईएसएस नोएडा आश्रम में सत्संग

वाईएसएस/एसआरएफ़ के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख, स्वामी चिदानन्द गिरिजी ने 26 फ़रवरी को नोएडा आश्रम में “क्रियायोग की रूपान्तरकारी शक्ति” विषय पर प्रवचन दिया जिसमें लगभग 1400 भक्तों और मित्रों ने भाग लिया।

स्वामीजी ने बताया कि किस प्रकार क्रियायोग का संपूर्ण विज्ञान, भक्तिपूर्ण किए गए नियमित, सतत अभ्यास द्वारा हमारे जीवन में परिवर्तन ला सकता है।

स्वामीजी अपने भारत भ्रमण के अंतिम चरण में नोएडा में हैं।

प्रस्तुत हैं स्वामी चिदानन्दजी के नोएडा सत्संग की कुछ झलकियाँ :

योगोदा सत्संग मठ दक्षिणेश्वर की यात्रा

हैदराबाद संगम में भाग लेने के बाद स्वामी चिदानन्दजी योगोदा सत्संग मठ दक्षिणेश्वर पहुँचे । वहाँ उन्होनें रविवार, 19 फरवरी, 2023 को विशेष सत्संग का संचालन किया जिसकी कुछ तस्वीरें आपके साथ साझा करते हुए हमें खुशी हो रही है।

वाईएसएस संगम 2023 में भाग लेने के लिए हैदराबाद आगमन

योगदा सत्संग मठ राँची की यात्रा के बाद, स्वामी चिदानन्दजी कान्हा शांति वनम में आयोजित वाईएसएस संगम 2023 में शामिल होने के लिए 10 फरवरी, 2023 को हैदराबाद पहुँचे। गुरुजी की शिक्षाओं से ज्ञान के मोती साझा करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे हम जीवन में चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ सकते हैं और एक विशेष 3 घंटे के सामूहिक ध्यान-सत्र का भी संचालन किया। 16 फरवरी को समापन सत्संग में उन्होंने भक्तों को संगम के अनुभव को अपने साथ ले जाने के लिए प्रेरित किया।

कृपया नीचे दिए गए कार्यक्रम के कुछ चित्रों का आनंद लें।

संगम के दौरान सीधे प्रसारित सभी कार्यक्रम देखने के लिए कृपया नीचे दिए गये बटन पर क्लिक करें।

वाईएसएस राँची आश्रम में स्वामी चिदानन्दजी द्वारा सत्संग

वाईएसएस/एसआरएफ़ के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानन्द गिरि ने 5 फरवरी को वाईएसएस राँची आश्रम में एक सत्संग दिया जिसमें लगभग 800 वाईएसएस/एसआरएफ़ भक्तों, मित्रों और परिवारजनों ने भाग लिया। स्वामीजी ने एक निर्देशित ध्यान का संचालन भी किया, और उन्होंने उपस्थित लोगों का, उनके जाते समय व्यक्तिगत रूप से अभिवादन किया और प्रसाद दिया।

योगदा सत्संग शैक्षिक परिसर — जगन्नाथपुर (रॉंची) में नई सुविधाओं का लोकार्पण

वाईएसएस/एसआरएफ़ के श्रद्धेय अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानन्दजी ने 29 जनवरी को रॉंची के जगन्नाथपुर में योगदा सत्संग शैक्षिक परिसर में, एक स्मरणीय कार्यक्रम में नई सुविधाओं को समर्पित किया, जिसमें रॉंची शैक्षणिक समुदाय, वाईएसएस संन्यासियो, भक्तों, संकाय के गणमान्य व्यक्तियों तथा वाईएसएस शैक्षणिक संस्थानों के सदस्यों और छात्रों ने भाग लिया। समारोह में 1,100 लोगों ने भाग लिया और इसमें संस्थान के सौ साल से अधिक के इतिहास को प्रदर्शित करने वाली एक लघु वीडियो प्रस्तुति भी शामिल थी।

इन अत्याधुनिक सुविधाओं को प्राचीन गुरुकुल सिद्धांतों के अनुसार बनाया गया था जिसे परमहंस योगानन्दजी ने अपने मूल स्कूल में लागू किया था, जैसे कि प्रकृति के निकट अध्ययन करना। इनमें कक्षाएँ, प्रयोगशालाएँ, एक सभागार और एक प्रशासनिक भवन शामिल हैं। इस आधुनिक स्कूल परिसर का उपयोग समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के छात्र करेंगे।

उद्घाटन समारोह के कुछ चित्र नीचे देखें।

राँची का दौरा

स्वामी चिदानन्दजी 24 जनवरी 2023 की शाम को योगदा सत्संग शाखा मठ, राँची पहुंचे। स्वामीजी राँची प्रवास के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। हम उनके राँची पहुंचने की कुछ फ़ोटोसाझा कर रहे हैं।

भारत में आगमन

दिल्ली हवाई अड्डे पर स्वामीजी के आगमन और वाईएसएस नोएडा आश्रम में उनके स्वागत की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है।

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