वाईएसएस अपील — जनवरी 2024

3 जनवरी, 2024

जन्मोत्सव पर विशेष भेंट अर्पित करें

राँची एक महान् संस्थान है…यह योगदा के पूर्वी और पश्चिमी तीर्थयात्रियों के लिए मक्का की भाँति सिद्ध होगा।

— श्री श्री परमहंस योगानन्द

गुरुदेव, श्री श्री परमहंस योगानन्द के आविर्भाव दिवस के इस पावन अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएँ। हम आपको अपने प्रिय गुरुदेव के प्रति, जिनके दिव्य आशीर्वाद हमारे जीवन का उत्थान करते हैं, एक साथ मिलकर अपने हृदय की भक्ति अर्पित करने के लिए उत्साहपूर्वक आमंत्रित करते हैं। पृथ्वी पर परमहंसजी के अनुकरणीय जीवन और कार्य ने असंख्य सत्यान्वेषियों को अपने दिव्य धाम की यात्रा के लिए प्रेरित किया है, और आज भी कर रहा है, तथा उनके जीवनपथ को परिपूर्ण ज्ञान और मार्गदर्शन से प्रकाशित कर रहा है।

“राँची आश्रम के पवित्र परिसर में कदम रखना, जो कभी हमारे प्रिय गुरुदेव की दिव्य उपस्थिति से अनुग्रहित हुआ है, वास्तव में एक असाधारण आशीर्वाद है। इस स्थान का प्रत्येक कोना हमारे पूज्य संन्यासियों द्वारा संचालित भावपूर्ण सत्संगों और ज्ञानवर्धक कक्षाओं की स्मृतियों को संजोए हुए है। अनेक वर्षों से चले आ रहे संगमों और रिट्रीट के दौरान, हम एक संयुक्त आध्यात्मिक परिवार के रूप में ध्यान करने और मधुर संगति का आनंद लेने के लिए यहाँ की पावन भूमि, मैदान, अतिथि गृह और ऑडिटोरियम में एकत्रित हुए हैं।

ऐसे आयोजनों के दौरान प्रवाहित गुरुदेव के ज्ञान की नदी में डूबने से हमें सांत्वना और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। हमें नए उत्साह के साथ अपने आध्यात्मिक पथ को फिर से जीवंत करने और फिर से खोजने का अमूल्य अवसर मिला। ओह! हमने उन हृदयस्पर्शी, आत्मोन्नयनकारी, और कालजयी बंधनों का निर्माण करने वाले दिव्य क्षणों को कितना अधिक संजोकर रखा है।”

— यू.एस., दिल्ली

इन पवित्र अवसरों पर, भक्त अक्सर हमसे पूछते हैं कि क्या योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस) कोई विशेष परियोजना पर काम कर रही है जिसमें वे अपने दान के माध्यम से सहयोग कर सकते हैं। हम आपके साथ ऐसे कई अवसर साझा करना चाहेंगे जहाँ आप गुरुजी के राँची आश्रम में सुविधाओं के नवीनीकरण में योगदान दे सकते हैं।

जैसा कि हम यहाँ आने वाले भक्तों के लिए विभिन्न सुविधाओं के नवीनीकरण के कार्य को प्रारम्भ कर रहे हैं, हम विनम्रतापूर्वक आपके सहयोग हेतु निवेदन करते हैं। इस दिव्य कार्य में योगदान देकर, आप हमें इस पवित्र स्थल को संरक्षित करने और बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं जहाँ असंख्य आत्माओं को सांत्वना, प्रेरणा, दिव्य प्रेम और अपनेपन की भावना प्राप्त हुई है। आइए हम सब मिलकर उनके दिव्य कार्य के प्रति निष्ठा, कृतज्ञता और प्रतिबद्धता के माध्यम से अपने गुरुदेव की इस विरासत को संरक्षित करें।

मुख्य अतिथि गृह का नवीनीकरण

1959 में स्थापित, जिसकी आधारशिला हमारी श्रद्धेय पूर्व अध्यक्ष और संघमाता, श्री श्री दया माता द्वारा रखी गई थी, राँची आश्रम में मुख्य अतिथि गृह मूल रूप से योगदा सत्संग ब्रह्मचर्य विद्यालय (स्कूल) और महाविद्यालय (कॉलेज) के छात्रों के लिए छात्रावास के कमरों और कक्षाओं के रूप में कार्य करता था। समय के साथ, आने वाले भक्तों को ठहराने के लिए इसे एक अतिथि गृह के रूप में पुनःनिर्मित किया गया। चूंकि इमारत 60 साल से अधिक पुरानी है, इसलिए अपरिहार्य टूट-फूट को दूर करने के लिए इसमें व्यापक मरम्मत की आवश्यकता है, और सभी अतिथि कमरों को वर्तमान मानकों पर लाने के लिए महत्वपूर्ण नवीनीकरण की आवश्यकता है।

अतिथि गृह के बाहर लिफ्ट का शाफ्ट
हाल ही में स्थापित लिफ्ट
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दूसरी मंजिल का नवीनीकरण कार्य
एक नवीनीकृत अतिथि कक्ष का वास्तुशिल्प प्रतिपादन

नवीकरण में निम्न कार्य सम्मिलित होंगे :

  • दूसरी मंजिल पर बड़े शयनगृह और साझा बाथरूम सुविधाओं को संलग्न स्नान घर से सुसज्जित व्यक्तिगत या पारिवारिक कमरों में परिवर्तित करना। हम इस प्रक्रिया में 17 अतिथि कक्ष जोड़ेंगे। ये नए कमरे आने वाले अतिथियों को आराम और एकांत प्रदान करेंगे जिसका शयनगृहों में अभाव था।
  • मरम्मत कार्य : इमारत में टूट-फूट और अनेक कमरों में बारिश के पानी के रिसाव के कारण हुई समस्याओं को ठीक करने के लिए, व्यापक मरम्मत की आवश्यकता है।
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिफ्ट : हमने एक लिफ्ट स्थापित की है जिससे वरिष्ठ नागरिकों को भी ऊपरी मंजिल पर ठहराना सम्भव होगा, इस प्रकार उन्हें केवल भूतल पर ही ठहराने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
  • कमरों का नवीनीकरण : अतिथि कक्षों में वर्तमान फर्नीचर और फिटिंग पुराने समय के हैं। नवीनीकरण योजना के हिस्से के रूप में, सभी कमरे गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर से सुसज्जित होंगे, जिसमें अध्ययन मेज और कुर्सियाँ, विश्रामपूर्ण निद्रा के लिए आरामदायक बिस्तर और सुखद सजावट शामिल होगी। शांत रंगों और हल्की रोशनी जैसे तत्वों को शामिल करते हुए, हमारा लक्ष्य एक ऐसे वातावरण का सृजन करना है जो अंतर्मुखी होने और आध्यात्मिक उत्थान में सहायक हो।

परियोजना की लागत : रु. 2.75 करोड़

महिला अतिथि गृह में दूसरी मंजिल जोड़ना

निर्माणाधीन दूसरी मंजिल
दूसरी मंजिल की छत डालने का काम
इमारत के सामने के दृश्य की एक वास्तुशिल्प प्रस्तुति

महिला अतिथि गृह में साधना संगम और रिट्रीट के दौरान कमरों की उपलब्धता सीमित है, और इस बाधा को दूर करना महत्वपूर्ण है। हमारी योजना दूसरी मंजिल जोड़ने की है, जिसमें 13 कमरे होंगे। यह विस्तार हमारी गुरु बहनों के लिए एक स्वागत योग्य और आरामदायक वातावरण प्रदान करेगा, जिससे उन्हें अपनी आध्यात्मिक गतिविधियों में पूरी तरह से निमग्न होने का अवसर मिलेगा। जैसा कि ऊपर वर्णित है, ये कमरे भी आधुनिक फर्नीचर और फिटिंग से सुसज्जित होंगे।

परियोजना की लागत : रु. 3.25 करोड़

सभागार का व्यापक नवीनीकरण

जैसे-जैसे हमारे आश्रम में आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, मुख्य ध्यान मन्दिर की सीमित क्षमता के भीतर भक्तों की बढ़ती संख्या को समायोजित करना कठिन होता जा रहा है, विशेष रूप से जब साधना संगम, विशेष ध्यान आदि जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त, ध्यान मन्दिर की वर्तमान छत, और इसकी स्थानिक संरचना हमें स्थाई उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था और कैमरा सेटअप स्थापित करने की अनुमति नहीं देती है, जिससे सीधा प्रसारण अत्यधिक कठिन हो जाता है।

सभागार के पार्श्व दृश्य की एक वास्तुशिल्प प्रस्तुति
सभागार के आंतरिक दृश्य की एक वास्तुशिल्प प्रस्तुति

इस तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए, हमने अपने प्रयासों को सभागार पर केन्द्रित किया है, जो एक प्रिय आध्यात्मिक आश्रय है जिसने लगभग 50 वर्षों से हमारे भक्तों की सेवा की है। हालाँकि, यह स्पष्ट हो गया है कि सभागार को व्यापक नवीनीकरण की आवश्यकता है।

सबसे पहले, हम इसकी संरचना (छत, खम्भों आदि) का पुनर्निर्माण करेंगे, बारिश के दौरान रिसाव जैसे मुद्दों का समाधान करेंगे और आने वाले अनेक वर्षों के लिए इसकी मजबूती सुनिश्चित करेंगे।

इसके बाद, हम सभागार के चारों किनारों को दीवारों से घेरने की योजना बना रहे हैं, जिसके भीतर एक शांत दिव्य स्थल बनाया जा सके, जहाँ का शांत वातावरण बारिश, मच्छरों और शोर जैसे बाहरी कारकों से अप्रभावित रहे। इससे भक्तों को साधना में अत्यधिक सहायता मिलेगी।

परन्तु यह इतना ही नहीं है। डिजिटल युग को अपनाने और विश्व-भर में अपने दर्शकों से जुड़ने के लिए, हम सभागार में एक अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो उपकरण स्थापित करने की भी योजना बना रहे हैं। यह हमें कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण में सक्षम बनाएगा, जिससे सम्पूर्ण विश्व के साधकों को एक परिवर्तनकारी अनुभव प्राप्त होगा। मुख्य ध्यान मन्दिर में जगह की कमी अब हमारे बढ़ते विश्वव्यापी आध्यात्मिक परिवार के साथ हमारे प्रिय गुरुदेव की गहन शिक्षाओं को साझा करने में बाधा नहीं बनेगी।

परियोजना की लागत : रु. 4 करोड़

इन तीन आवश्यक नवीकरण परियोजनाओं को प्रारम्भ करने के अतिरिक्त, हमने दो अन्य परियोजनाएँ प्रारम्भ की हैं।

राँची ध्यान मन्दिर के पास नई शौचालय सुविधा और स्टाफ क्वार्टरों का नवीनीकरण

नई शौचालय सुविधा का सामने का दृश्य
नई शौचालय सुविधा का पार्श्व दृश्य

इन निरंतर चल रहे सुधारों में, हमने मुख्य ध्यान मन्दिर के निकट शौचालय का नवीनीकरण किया है। हम उन स्टाफ क्वार्टरों का नवीनीकरण करने की भी योजना बना रहे हैं जहाँ चौबीसों घंटे महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने वाले कर्मचारी रहते हैं।

परियोजना की लागत : रु. 50 लाख

सेवकों और अतिथियों के लिए नया अपार्टमेंट

राँची आश्रम में गुरुदेव के कार्य के प्रति समर्पित सेवकों की बढ़ती संख्या को आवास प्रदान करने के लिए, हमने बंसल प्लाजा अपार्टमेंट परिसर में दो बेडरूम का अपार्टमेंट खरीदा है, जो आश्रम के बहुत निकट स्थित है।

परियोजना की लागत : रु. 50 लाख

आपका सहयोग अत्यधिक सराहनीय है

गुरुजी का कार्य लगातार बढ़ रहा है, तथा अपने साथ अनेक चुनौतियाँ और साथ ही सेवा के कई अवसर भी लेकर आ रहा है। आइए हम सब मिलकर इन चुनौतियों का प्रसन्नता के साथ सामना करें, और गुरुजी के कार्य में जिस भी तरह से सहायता और सहयोग कर सकें, करें।

इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत लगभग रु. 11 करोड़ है।

आपकी उदारता और वर्षों से निरंतर सहयोग के बिना, हम वह सब उपलब्धियाँ प्राप्त नहीं कर पाते जो हम कर पाए हैं। हमारे प्रिय गुरुदेव के क्रियायोग के संदेश को उन सभी सत्यान्वेषियों तक प्रसारित करने में आपका योगदान अमूल्य है जो बेसब्री से एक सच्चे मार्ग की खोज में हैं।

इन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्णता की ओर ले जाने में आपकी प्रार्थनाएँ एवं अन्य कोई भी सहायता अत्यंत सराहनीय है।

हम, संन्यासी समुदाय और गुरुजी के आश्रमों में सेवा करने वाले सेवक, आपके प्रेम, प्रार्थनाओं और उदार योगदान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, और इस जन्मोत्सव पर आपके लिए शांति और आनन्द की कामना करते हैं।

हम सभी ईश्वर और हमारे दिव्य गुरुदेव की निरंतर सुरक्षात्मक उपस्थिति को अनुभव करें! जय गुरु!

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