रिट्रीट, नोएडा

(तीन-दिवसीय कार्यक्रम

)

शुक्रवार, 31 मार्च, 2023 - रविवार, 2 अप्रैल, 2023

अतिरिक्त जानकारी

कार्यक्रम का स्थान :

योगदा सत्संग शाखा आश्रम — नोएडा
परमहंस योगानन्द मार्ग, बी – 4, सेक्टर 62,
नोएडा – 201307, जिला गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश

सम्पर्क :

फोन :

9899811808, 9899811909

ईमेल :

पता :

वही स्थान जहाँ कार्यक्रम आयोजित होगा

कार्यक्रम के विवरण

हमें मौन का एक आंतरिक मन्दिर निर्मित करने की प्रेरणा देते हुए, हमारे परमप्रिय गुरुदेव कहते हैं :

आपके मन के द्वारों के पीछे की शान्ति में कितना आनन्द आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, कोई मानवीय वाणी इसे व्यक्त नहीं कर सकती। परन्तु आपको ध्यान करके उस परिवेश का निर्माण करना होगा। जो गहराई से ध्यान करते हैं वे एक अद्भुत आंतरिक शांति का अनुभव करते हैं।

— श्री श्री परमहंस योगानन्द

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के आदर्श-जीवन रिट्रीट कार्यक्रम उन वाईएसएस पाठमाला सदस्यों के लिए उपलब्ध हैं जो आध्यात्मिक पुनरुत्थान के लिए — चाहे कुछ दिनों के लिए ही सही — दैनिक जीवन के दबावों को पीछे छोड़ने की इच्छा रखते हैं। परमहंस योगानन्दजी के शब्दों में यह कार्यक्रम “मौन का वह विस्फोट है जहाँ(आप) अनंत से पुनःआवेशित होने के एकमात्र उद्देश्य से जा सकते हैं।”

निष्ठावान साधकों को दैनिक जीवनचर्या के अंतहीन क्रियाकलापों से ध्यान हटाने और उसे आंतरिक मौन पर केन्द्रित करने का अद्भुत अवसर मिलता है ताकि वह ईश्वरीय शान्ति और आनंद का अमृत पान कर सकें। वह रिट्रीट में विश्राम करने और आध्यात्मिक स्फूर्ति की प्रेरणा पाने आ सकते हैं। या फिर उन प्रश्नों के उत्तर या उन समस्याओं का समाधान खोज सकते हैं जो केवल गहन चिन्तन, समझ व आन्तरिक मार्गदर्शन से ही सुलझाई जा सकती हैं।

रिट्रीट के दौरान, आपका काम केवल विश्रांति और भगवान् के सर्वव्यापी आशीर्वादों के प्रति ग्रहणशील बनाना है। ताजी हवा में बाहर निकलकर, व्यायाम और आराम करके शरीर को विश्राम दें। दिनचर्या के बोझों और चिन्ताओं को छोड़कर मन को विश्राम दें। अपनी बाहरी गतिविधियों को जाने दें; ईश्वर के प्रति ग्रहणशील बनें और उन्हें अपने मन का सर्वोच्च विचार तथा हृदय की धधकती इच्छा बनाएं। आपके भीतर उनकी उपस्थिति बढ़ता हुआ बोध बाकी काम कर देगी। । अंतहीन गतिविधियों से पीछे हटकर ईश्वर के गहन बोध का अनुभव उन्हें अनुमति देगा कि वह आपकी शक्ति को पुनः नवीनीकृत करके आपको स्थायी शान्ति और सुख दे सकें।

रिट्रीट गतिविधियाँ :

  • रिट्रीट गतिविधियों में शक्ति-संचार व्यायाम, सामूहिक ध्यान और वाईएसएस सन्यासियों द्वारा आध्यात्मिक प्रवचन शामिल हैं।
  • प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से अध्ययन और सुनने के लिए योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया की पुस्तकें और रिकॉर्डिंग ले सकते हैं।
  • भक्तजन शारीरिक विश्रांति के लिए ताजी हवा में सैर और व्यायाम का चयन कर सकते हैं।
  • रिट्रीट के मनोहर वातावरण में विश्रांति और भगवान् की उपस्थिति का आनंद लेने के लिएपर्याप्त खाली समय मिलता है।
  • सुबह और शाम के सामूहिक ध्यान के अतिरिक्त भक्तजन अपना व्यक्तिगत ध्यान भी कर सकते हैं।
  • यदि रिट्रीट पर आए साधक चाहें तो वह योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के सन्यासी से मार्गदर्शन हेतु मुलाकात का समय मांग सकते हैं, जो परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं को समझने और उन्हें दैनिक जीवन में उतारने में उनका मार्गदर्शन करके प्रसन्न होंगे।

आधारभूत रिट्रीट नियमावली :

एक सफल रिट्रीट का दायित्व आप पर निर्भर है। चाहे आप अपनी आत्मा को पुनः स्फूर्त करने आए हों या अन्तर में कष्टप्रद प्रश्नों व समस्याओं का समाधान खोजने, आपके प्रयासों की सफलता अंततः आपके ईश्वर से व्यक्तिगत संबंध पर निर्भर करती है — वह दिव्य परमात्मा जो समस्त जीवन, ज्ञान, स्वास्थ्य और सुख का स्रोत है। जितना अधिक आप उनकी आंतरिक उपस्थिति के प्रति जागरूक होंगे, उतना अधिक आपको प्रेरणा और विश्वास मिलेगा, और आपके जीवन की हर समस्या के समाधान हेतु मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

निम्न बिंदुओं का ध्यान रखने से इस जागरूकता को बनाए रखने में बहुत सहायता मिलेगी :

  • सम्पूर्ण रिट्रीट कार्यक्रम में भाग लें (जितना संभव हो सके), और इस दौरानअन्य गतिविधियों में लिप्त न हों।
  • अपने आंतरिक वातावरण के निर्माण के लिए रिट्रीट के दौरान मौन बनाए रखें और भगवान् व गुरुओं के साथ समस्वरता को गहन करें।
  • सामूहिक गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित करें क्योंकि इससे अपने जैसी आत्माओं का साथ मिलने से आपके अच्छे प्रयासों और आकांक्षाओं को बल मिलता है।
  • ईश्वर के सानिध्य का अभ्यास करें। प्रतिक्षण, हर अनुभव में ईश्वर के साथ होने का अहसास करना सीखें।
  • रिट्रीट के दौरान अखबारों और पत्रिकाओं जैसे साहित्य को पढ़ने से बचना चाहिए, यदि आप अपने साथ कोई भी लाते हैं।
  • रिट्रीट परिसर में ही रहें क्योंकि एकान्त रिट्रीट वातावरण में रहने से मौन बनाए रखना और खाली समय में ईश्वर के बारे विचार बनाए रखना आसान होगा।
  • यदि आप अपने साथ मोबाइल फोन लाए हैं तो उसके उपयोग से बचें। आपात स्थिति के अलावा इसका उपयोग न करें।
  • अंतिम परंतु महत्वपूर्ण बात, हम आपसे रिट्रीट के दौरान गहन ध्यान करने का आग्रह करते हैं। ध्यान ही ईश्वर के साथ आपके सम्बंध की आधारशिला है।

नवागंतुक

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