ऑनलाइन साधना संगम — हिंदी

शुक्रवार, फ़रवरी 25

रविवार, फ़रवरी 27, 2022

कार्यक्रम के विवरण

वाईएसएस संन्यासियों द्वारा हिंदी में संचालित ऑनलाइन साधना संगम फ़रवरी 25 से 27 तक आयोजित किया गया। इस ऑनलाइन साधना संगम द्वारा भक्तों को न केवल आध्यात्मिक नवीनीकरण का अवसर मिला अपितु गुरुदेव की शिक्षाओं तथा प्रविधियों के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाने का तथा उनके अभ्यास को बेहतर करने का भी अवसर मिला।

भाग लेने वाले भक्तों को भारत व दुनिया भर के सह-भक्तों के साथ सामूहिक ध्यान, प्रवचन तथा कीर्तन का लाभ उठाने का अवसर मिला। वाईएसएस ध्यान प्रविधियों के पुनरवलोकन की कक्षाएं केवल वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला  के शिक्षार्थियों को ही उपलब्ध थीं; जबकि सामूहिक ध्यान तथा प्रवचन सभी के लिए उपलब्ध थे।

प्रवचन केवल हिंदी में ही थे ; जबकि ध्यान प्रविधियों पर पुनरवलोकन कक्षाएं अंग्रेज़ी, बांग्ला, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, तमिल, तेलुगु में भी उपलब्ध थीं ।

कार्यक्रमों की समय-सारणी

सभी समय भारतीय समयानुसार हैं।

कृपया ध्यान दें कि इस संगम में आयोजित कीर्तन सत्र वाईएसएस यूट्यूब (YouTube) चैनल पर देखने के लिए उपलब्ध है।

दिन 1

शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

शक्ति-संचार व्यायाम एवं ध्यान

ऑनलाइन ध्यान-सत्र सभी के लिए उपलब्ध हैं।

ध्यान-सत्र का आरम्भ शक्ति-संचार व्यायाम के अभ्यास से शुरू हुआ जो एक रिकार्डेड वीडियो के अनुसार सभी ने मिलकर किया, इसके उपरान्त प्रारंभिक प्रार्थना और प्रेरक पठन तथा चैंटिंग व ध्यान की अवधियाँ शामिल थीं। इसका समापन परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि और समापन प्रार्थना से हुआ।

शाम 7:15 बजे से 8:15 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

वाईएसएस/एसआरएफ़ अध्यक्ष
श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि के आशीर्वचन
तथा

स्वामी ईश्वरानन्द गिरि का प्रवचन

हमारे पूजनीय अध्यक्ष श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि के आशीर्वचन इस उद्घाटन सत्र में भक्तों को स्वामी ईश्वरानन्द गिरि द्वारा बताए गए।

इसके बाद स्वामी ईश्वरानन्द गिरि ने  “क्रियायोग द्वारा शांति तथा समृद्धि” विषय पर प्रवचन दिया। यह कार्यक्रम सभी के लिए उपलब्ध था।

दिन 2

सुबह 6:10 बजे से 9:30 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

शक्ति-संचार व्यायाम एवं लम्बा ध्यान

ऑनलाइन ध्यान-सत्र सभी के लिए उपलब्ध हैं।

ध्यान-सत्र का आरम्भ शक्ति-संचार व्यायाम के अभ्यास से शुरू हुआ जो एक रिकार्डेड वीडियो के अनुसार सभी ने मिलकर किया। इसके उपरान्त प्रारंभिक प्रार्थना और प्रेरक पठन तथा चैंटिंग व ध्यान की अवधियाँ थीं। सत्र का समापन परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि और समापन प्रार्थना से हुआ।

सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

हं-सः प्रविधि का पुनरवलोकन

हं-सः की यह प्राचीन और शक्तिशाली प्रविधि मन की एकाग्रता की गुप्त शक्तियों को विकसित करने में सहायता करती है। नियमित अभ्यास के माध्यम से व्यक्ति बाहरी विकर्षणों से विचार और ऊर्जा को वापस लेना सीखता है ताकि वे किसी भी लक्ष्य या समस्या को हल करने पर ध्यान केन्द्रित कर सके। सफल अभ्यास से उत्पन्न होने वाली इस एकाग्र अवस्था को व्यक्ति आत्मसाक्षात्कार की ओर निर्देशित कर सकता है।

वाईएसएस/एसआरएफ़ के शिक्षार्थियों को इस ध्यान प्रविधि पर पुनरवलोकन कक्षा में सम्मिलित होने के लिये और परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखाये गये क्रियायोग पथ की आवश्यक प्रविधियों में से एक में चरण-दर-चरण निर्देश प्राप्त करने के लिये आमन्त्रित किया गया।

यह कक्षा केवल वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला के शिक्षार्थियों के लिए थी। यदि आप वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला के शिक्षार्थी बनने के इच्छुक हैं और भारत, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, या मालदीव के निवासी हैं तो कृपया यहाँ क्लिक करें। अन्य देशों के निवासी कृपया यहां क्लिक करें।

दोपहर 12:00 बजे से 12:45 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

योगी कथामृत - सामूहिक पठन तथा चिन्तन

यह विशेष सामूहिक पठन तथा मनन-सत्र, परमहंस योगानन्दजी द्वारा लिखित योगी कथामृत की 75वीं वर्षगांठ के सम्मान में आयोजित किया गया।

हिन्दी में संचालित इस सत्र का संचालन वाईएसएस संन्यासी, आरंभिक प्रार्थना और सत्संग द्वारा हुआ, तत्पश्चात योगी कथामृत (ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी) में से चुने हुए पाठ तथा बीच-बीच में मौन चिन्तन के सत्र भी थे। इस विशेष सत्र ने भक्तों को गुरुजी के इस प्रशंसित गौरव ग्रन्थ में दिए वचनों को सुनने तथा उन पर मौन चिन्तन का अवसर प्रदान किया।

दोपहर 3:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

ओम् प्रविधि का पुनरवलोकन

एक बार जब साधक ने हं-सः प्रविधि के अभ्यास के द्वारा शरीर को विश्राम देने और मन को केन्द्रित करना सीख लिया, तो ध्यान की यह उन्नत ओम् प्रविधि जागरूकता को शरीर और मन की सीमाओं से परे अनन्त आनन्दमय अहसास/अनुभूति तक विस्तारित करती है।

वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला के शिक्षार्थियों को इस ध्यान प्रविधि पर पुनरवलोकन कक्षा में सम्मिलित होने के लिये और परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखाये गये क्रियायोग पथ की आवश्यक प्रविधियों में से एक में चरण-दर-चरण निर्देश प्राप्त करने के लिये आमन्त्रित किया गया।

यह कक्षा केवल वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला के शिक्षार्थियों के लिए थी। यदि आप वाइएसएस/ एसआरएफ़ पाठमाला के सदस्य बनने के इच्छुक हैं और भारत, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, या मालदीव के निवासी हैं तो कृपया यहाँ क्लिक करें। अन्य देशों के निवासी कृपया यहां क्लिक करें।

शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

शक्ति-संचार व्यायाम एवं ध्यान

ऑनलाइन ध्यान-सत्र सभी के लिए उपलब्ध हैं।

ध्यान-सत्र का आरम्भ शक्ति-संचार व्यायाम के अभ्यास से शुरू हुआ जो एक रिकार्डेड वीडियो के अनुसार सभी ने मिलकर किया। इसके उपरान्त प्रारंभिक प्रार्थना और प्रेरक पठन तथा चैंटिंग व ध्यान की अवधियाँ थीं। सत्र का समापन परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि और समापन प्रार्थना से हुआ।

शाम 7:15 बजे से 8:15 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

स्वामी चैतन्यानन्द गिरि द्वारा प्रवचन

सभी के लिए उपलब्ध है।

विषय: सद्गुरु का वचन: “जो भक्त मानते हैं कि मैं उनके निकट हूँ, मैं उनके निकट होता हूँ”

दिन 3

सुबह 6:10 बजे से 9:30 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

शक्ति-संचार व्यायाम एवं लम्बा ध्यान

ऑनलाइन ध्यान-सत्र सभी के लिए उपलब्ध हैं।

ध्यान-सत्र का आरम्भ शक्ति-संचार व्यायाम के अभ्यास से शुरू हुआ जो एक रिकार्डेड वीडियो के अनुसार सभी ने मिलकर किया। इसके उपरान्त प्रारंभिक प्रार्थना और प्रेरक पठन तथा चैंटिंग व ध्यान की अवधियाँ थीं । ध्यान की अवधि सामान्यतः 45 मिनट की थी और इसका समापन परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि और समापन प्रार्थना से हुआ।

सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक

शक्ति-संचार व्यायाम का पुनरवलोकन

तनाव को समाप्त करने के लिये, स्वेच्छापूर्वक ब्रह्माण्डीय ऊर्जा से शरीर और मन को पुनः ऊर्जित करना सीखें और शरीर का शुद्धिकरण और शक्तिवर्धन करें ताकि ध्यान के समय चेतना की उच्च अवस्थाओं तक पहुँचने के लिये ऊर्जा को सरलता से भीतर की ओर निर्देशित किया जा सके।

परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखाए गए क्रियायोग मार्ग की आधारभूत प्रविधियों में से एक – शक्ति-संचार व्यायाम – को क्रमबद्ध निर्देशों के द्वारा सीखने के लिये वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला  के शिक्षार्थी इस पुनरवलोकन कक्षा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए गए।

यह कक्षा केवल वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला के शिक्षार्थियों के लिए थी। यदि आप वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला के शिक्षार्थी बनने के इच्छुक हैं और भारत, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, या मालदीव के निवासी हैं तो कृपया यहाँ क्लिक करें। अन्य देशों के निवासी कृपया यहां क्लिक करें।

शाम 3:00 बजे से 4:00 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

कीर्तन सत्र

वीडियो चलाएं

वाईएसएस संन्यासी द्वारा संचालित भक्तिमय चैंटिंग सत्र में भाग लें।

परमहंस योगानन्दजी कहते हैं: ”संकीर्तन योग या आध्यात्मिक साधना का एक प्रभावशाली प्रकार है जिसमें मूल विचार और ध्वनि में तीव्र एकाग्रता तथा तन्मयता आवश्यक होती है। मानव स्वयं नाद ब्रह्म या ओम ध्वनि की एक अभिव्यक्ति है इसीलिए ध्वनि उस पर तत्काल प्रबल प्रभाव डालती है। पौर्वात्य तथा पश्चात्य, दोनों ही प्रकार का भक्ति संगीत मनुष्य में आनंद उत्पन्न करता है क्योंकि इस प्रकार का संगीत मनुष्य के मेरुदंड में स्थित सूक्ष्म चक्रों में से किसी एक चक्र में कुछ देर के लिए स्पन्दनात्मक जागृति उत्पन्न कर देता है। आनंद के उन क्षणों में उसे अपने ईश्वरीय मूल का अस्फुट-सा स्मरण हो आता है।”

कृपया ध्यान दें यह कीर्तन सत्र वाईएसएस यूट्यूब (YouTube) चैनल पर देखने के लिए उपलब्ध है।

शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

शक्ति-संचार व्यायाम एवं ध्यान

ऑनलाइन ध्यान-सत्र सभी के लिए उपलब्ध हैं।

ध्यान-सत्र का आरम्भ शक्ति-संचार व्यायाम के अभ्यास से शुरू हुआ जो एक रिकार्डेड वीडियो के अनुसार सभी ने मिलकर किया। इसके उपरान्त प्रारंभिक प्रार्थना और प्रेरक पठन तथा चैंटिंग व ध्यान की अवधियाँ थीं । इसका समापन परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि और समापन प्रार्थना से हुआ।

शाम 7:15 बजे से रात 8:15 बजे तक (भारतीय समयानुसार)

स्वामी निष्ठानन्द गिरि द्वारा प्रवचन

सभी के लिए उपलब्ध, एक वाईएसएस संन्यासी द्वारा प्रवचन।

विषय: “निष्ठा : आध्यात्मिक सफलता की कुंजी”

ध्यान-कक्ष

विश्व भर के भक्तों के साथ मौन-ध्यान में भाग लें

ध्यान-कक्ष तक कैसे पहुंचें

ज़ूम के माध्यम से अन्य भक्तों के साथ कुछ समय मौन ध्यान में बिताएँ। हालांकि यह मौन ध्यान का कार्यक्रम है तथापि हम आपको ज़ूम पर वीडियो चालू रखने का सुझाव देंगे। इस तरह आप अन्य प्रतिभागियों को दिखेंगे। कृपया ध्यान दें कि ध्यान-कक्ष में प्रवेश करते ही आपको स्वत: ही म्यूट कर दिया जाएगा ताकि औरों को किसी प्रकार का व्यवधान न हो।

ज़ूम को डाउनलोड करने और प्रयोग करने के बारे में निर्देशों के लिए “भाग लेने की विधि ” पृष्ठ पर जाएँ।

ध्यान-कक्ष खुला रहने का समय

ध्यान-कक्ष खुला है
(ध्यान-कक्ष खुले रहने का समय भारतीय समयानुसार है):

शनिवार, 26 फरवरी
सुबह 9:30 बजे से – 10:15 बजे तक
दोपहर 12:45 बजे से – 2:45 बजे तक
शाम 4:00 बजे से – 4:45 बजे तक

रविवार, 27 फरवरी
सुबह 9:30 बजे से – 10:15 बजे तक
मध्याह्न 12:00 बजे से – 2:45 बजे तक
शाम 4:00 बजे से – 4:45 बजे तक

वाईएसएस ध्यान प्रविधियों पर ऑनलाइन कक्षाओं में कैसे शामिल हों?

योगदा सत्संग पाठमाला के शिक्षार्थी बनें

ऑनलाइन साधना संगम में सभी शामिल हो सकते हैं। परंतु वाईएसएस की ध्यान-प्रविधियों पर ऑनलाइन कक्षाएं – शक्ति-संचार व्यायाम, एकाग्रता की हंस: प्रविधि, ध्यान की ओम् प्रविधि – केवल योगदा सत्संग पाठमाला  के शिक्षार्थियों को उपलब्ध है (सेल्फ़-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप पाठमाला  के शिक्षार्थियों का भी स्वागत है)। इन कक्षाओं में लॉग-इन कर इनमें भाग लेने के लिए भक्तों का डिवोटी पोर्टल (devotee portal) पर सत्यापित अकाउंट होना आवश्यक है। यदि आपका अकाउंट नहीं है तो यहां खोलें; और यदि सत्यापन आदि के लिए किसी सहायता की ज़रूरत हो तो कृपया हमारे तकनीकी हेल्प-डेस्क से संपर्क करें।

यदि आप पाठमाला के शिक्षार्थी नहीं हैं तो आप अब भी वाईएसएस पाठमाला  के लिए आवेदन कर इन शक्तिशाली प्रविधियों की कक्षाओं में भाग ले सकते हैं, जोकि परमहंस योगानंदजी द्वारा सिखाए गए क्रियायोग विज्ञान का अभिन्न अंग हैं।

तकनीकी सहायता

क्या हम आपकी सहायता कर सकते हैं?

वाईएसएस भक्त हमें (0651) 66 55 555 पर संपर्क कर सकते हैं या इस फार्म द्वारा अपना प्रश्न भेज सकते हैं।

एसआरएफ़ भक्त तकनीकी सहायता के लिए एसआरएफ़ ऑनलाइन ध्यान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं या +1(760)417-6080 पर कॉल करें (कृपया ध्यान दें लंबी दूरी का शुल्क लागू होगा। )

नवागंतुक

परमहंस योगानन्दजी और उनकी शिक्षाओं के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर जाएँ :

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