क्रिसमस के वास्तविक उत्सव पर परमहंस योगानन्द

12 दिसम्बर, 2023

Paramahansa-Yogananda

प्रत्येक वर्ष क्रिसमस के मौसम में क्राइस्ट-प्रेम और आनंद के सामान्य से अधिक प्रबल स्पंदन स्वर्गीय क्षेत्रों से पृथ्वी पर प्रवाहित होते हैं। आकाश उस अनंत प्रकाश से भर जाता है जो जीसस के जन्म के समय पृथ्वी पर चमका था। वे लोग जो भक्ति और गहन ध्यान के माध्यम से समन्वित हैं, वे जीसस क्राइस्ट में उपस्थित सर्वव्यापी चेतना के परिवर्तनकारी स्पंदनों को आश्चर्यजनक ढंग से मूर्त रूप में अनुभव करते हैं।

पूरे दिन क्रिसमस ध्यान का विचार वास्तव में जीसस क्राइस्ट ने ही मुझे दिया था, ताकि वह आपके लिए कुछ कर सकें। वह आपको आशीर्वाद देना चाहते हैं, लेकिन यदि आप ग्रहणशील नहीं हैं तो उनके हाथ बंधे हुए हैं। वह आपके पास आना चाहते हैं, लेकिन यदि भक्ति के द्वार, जिसके माध्यम से ही वह आपके जीवन में प्रवेश कर सकते हैं, बंद हैं, तो वह नहीं आ सकते। वह जहाँ कहीं भी सच्ची आत्माओं को देखते हैं, उन तक पहुंचने का प्रयास करते हैं; लेकिन जब शांति के द्वार बंद हैं और अशांति रुपी कुंडी ने आत्मा को बंद कर दिया है तो वह कैसे प्रवेश कर सकते हैं? फिर भी यदि आप लंबे समय तक और गहराई से ध्यान करते हैं, और बेचैनी और संदेह की सभी बाधाओं को दूर करते हुए, अपनी आत्मा के पूरे प्रेम के साथ क्राइस्ट को बुलाते हैं, तो आप उन्हें स्वेच्छा से प्रवेश करते हुए पाएँगे। आप क्रिसमस के सही अर्थ और आनंद को समझेंगे।

मैं आपसे आग्रह करता हूँ : अपने भीतर उनके सार्वभौमिक प्रेम, क्षमा, चरित्र, त्याग और भक्ति को अनुभव करके, और सभी जाती रुपी बंधुओं और सभी जीवित प्राणियों के प्रति क्राइस्ट-प्रेम को अनुभव करके जीसस के जन्म का वास्तविक उत्सव मनाएं।

क्राइस्ट के पुनः आगमन को अपनी ध्यान चेतना में — अपने सामाजिक उत्सवों में जोड़ें। क्रिसमस उत्सव जीसस की ओर केवल संकेत मात्र करते हैं; लेकिन ध्यान में दिव्य परमानंद के पालने में उन्हें एक चिरस्थायी, सदैव आनंददायक वास्तविकता के रूप में देखा और अनुभव किया जाता है।

अनंत क्राइस्ट पर निर्देशित ध्यान और परमहंस योगानन्दजी के और अधिक लेखों के लिए कृपया हमारा “मौसमी प्रेरणा (Seasonal Inspiration)” पृष्ठ देखें जो आपको इस अवधि के पूर्ण अर्थ को अनुभव करने में सहायता करता है।

शेयर करें