श्री श्री दया माता की अंत्येष्टि

शुक्रवार, 17 दिसम्बर, 2010 को हम सभी की प्रिय श्री दया माता के पार्थिव शरीर को फॉरेस्ट लॉन मेमोरियल पार्क, ग्लेनडेन में दफ़नाया गया था। 

इस अवसर पर आयोजित किए गए एक छोटे परन्तु पवित्र अनुष्ठान में वाईएसएस एवं एसआरएफ़ के निदेशक मंडल के सदस्य, वरिष्ठ संन्यासी एवं संन्यसिनियाँ सम्मिलित हुए। 

दया माता की समाधि हमारे गुरु परमहंस योगानन्दजी के समाधि स्थल के बिल्कुल समीप है। एसआरएफ़ की आगंतुक निर्देशिका पुस्तिका के पृष्ठ 28-29 में दिए गए निर्देशन एवं नक्शे की सहायता से आगंतुक इस स्थान का पता लगा सकते हैं। 

यहाँ तक पहुँचने के लिए कुछ दिशा निर्देश:

परमहंस योगानन्दजी के समाधि स्थल की ओर प्रस्थान करें: हौली टेरेस से प्रवेश कर कान्वेन्ट के कॉरीडोर (गलियारे) से आगे बढ़ें। दूसरे हॉल, श्रद्धा के कॉरीडोर (कॉरिडर ऑफ रेवरन्स), से दाहिनी ओर मुड़ें। इसके अंतिम छोर पर सेंट जॉर्ज की प्रतिमा है। आगे बढ़ते चलें, पहले बाईं ओर और फिर दाईं ओर। मरियम के कॉरीडोर (कॉरिडोर ऑफ द मैडोना) से होते हुए आगे की ओर बढ़ते हुए पवित्र स्थल गोल्डन स्लम्बर को पार करें जहाँ परमहंस योगानन्दजी का समाधि स्थल है। इस हॉल के अंत तक जाएं। बाईं ओर दया माता का समाधि स्थल है (हॉल के उसी दिशा में एक कुंज में जहाँ परमहंस योगनन्दजी का समाधि स्थल है)—बाहर की ओर जाने के द्वार के ठीक पहले। निचली तली से ऊपर की ओर जाते हुए यह चौथा समाधि स्थल है, एवं ताजे़ फूलों के गुलदस्ते  इसकी पहचान है।

(कृपया ध्यान दें; फॉरेस्ट लॉन में कार्यरत कर्मचारी, भक्तों को कभी-कभी दूसरे मार्ग से समाधि स्थल की ओर जाने का निर्देश देते हैं; ऐसी स्थिति में कृपया उनके निर्देशों का पालन करें)

भक्तगणों की यह जानने में रुचि होगी कि हॉल के अंत में, दया माता की समाधि के ठीक सामने  एक बेंच के ऊपर हमारे गुरुजी द्वारा लिखित उद्धरण को किसी अज्ञात दानी व्यक्ति ने बड़े प्रेम से स्थापित किया है। 

जय गुरु, जय माँ!

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